नई दिल्ली//लेख- प्राजक्त//: अगले टी20 विश्व कप के लिए अभी केवल छह महीने बाकि है , लेकिन भारत पिछले 14 महीनों से अपने टी20 प्रारूप से दूर होने के संकेत दिखा रहा है, जिसमें रोहित शर्मा और विराट कोहली को शामिल नही किया गया है।
भारत के शीर्ष क्रम में काफी बदलाव किये गए है जिससे की टीम असन्तुलित नजर आ रही है. शीर्ष क्रम के तीन में से दो खिलाडी जो कि चोटिल हो चुके थे उनके वापस टीम में आने से अब टीम में काफी हेर फेर की सम्भावना बढ़ गयी है जो की भारतीय टीम के लिए अच्छे संकेत नहीं है.
रोहित और कोहली जो कि मैच विनिंग पारियो के लिए जाने जाते है उनके टी20 कप में प्लेइंग इलेवन से बाहर रखना किसी भी क्रिकेट प्रेमियों के लिए समझ से परे है
रोहित शर्मा और विराट कोहली की वापसी सूर्यकुमार यादव और रुतुराज गायकवाड़ के चोटिल होने की वजह से हुई है। लेकिन इन लोगो के वापसी से अब क्रिकेट बोर्ड काफी दुविधा में पड़ गया है क्योंकि पहले से ही यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल प्लेइंग इलेवन में हैं, जिसमें श्रेयस अय्यर भी तीसरे नंबर पर हैं।
लगातार टी20 विश्व कप में, भारत की राह आसान नहीं रही। शीर्ष बल्लेबाजी क्रम टी20 के मुकाबले काफी धीमा दिखाई दिया।
टी20 में शीर्ष क्रम की धीमी बल्लेबाजी का अनुभव सबसे पहले हमें 2021 में देखने मिला जो की टी20 के मुकाबले काफी निचले स्तर का था, क्रिकेट बोर्ड द्वारा शीर्ष क्रम के लिए रणनीति बनाने की आवश्यकता थी, लेकिन फिर भी 2022 में हमें यही देखने मिला ।
बात करे तो बोर्ड द्वारा शीर्ष क्रम को ठीक करने के एवज में मध्यक्रम को गति प्रदान करने वाले बल्लेबाजों की खोज की। शीर्ष क्रम में किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया।
टी20 विश्व कप के बाद न्यूजीलैंड में टी20 मैचों में उन्होंने ऋषभ पंत के साथ शुरुआत की। तब से गिल, ईशान किशन, गायकवाड, जायसवाल जैसे बल्लेबाजों ने भारत को आगे ले जाने के संकेत दिए।
लेकिन अब उन दो खिलाड़ियों को पवेलियन भेज दिया गया जो कि अकेले के दम पर ही टी20 विश्वकप जीतने का दम रखते है। बात अगर स्ट्राइक रेट की करे तो यहाँ भी वो शीर्ष क्रम पर दिखाई देते है बल्लेबाजी में दोनों के स्ट्राइक रेट 100 से अधिक ही है.
दोनों के बीच, कोहली आईपीएल में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं और उनके पास केवल तीन सत्र हैं जहां उन्होंने 400 रन का आंकड़ा नहीं छुआ है। लेकिन जब स्ट्राइक रेट की बात आती है तो इस तरह उन्होंने पिछले चार सीजन में 100 से अधिक स्ट्राइक रेट सेरन बनाए हैं: 121.35, 119.46, 115.99 और 139.82.
पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा विरोधी कप्तान भले ही विराट कोहली को आउट करने में सफल न हो परन्तु उनकी रणनीति कोहली के स्ट्राइक रेट को कम रखने की होती है कई बार विपक्षी कप्तानों ने कोहली को धीमा करने के लिए कई खिलाड़ियों का इस्तेमाल किया है फास्टर बॉलिंग में कोहली का स्ट्राइक रेट 116.27 का होता है जबकि स्पिन के खिलाफ स्ट्राइक रेट बढ़कर 123.16 का होता है।
अब बात अगर रोहित शर्मा की की जाये तो क्रीज पर रोहित की मौजूदगी ही विरोधी कप्तान के लिए चिंता का विषय हमेशा से बनती आ रही है परन्तु लम्बी पारी से चूक जाना रोहित शर्मा के लिए एक चिंता का विषय जरूर रहा है।
रोहित ने 2013 से आईपीएल में 400 रन का सीजन नहीं खेला है। पावरप्ले के अलावा, बीच के ओवरों (7-16) में, एक अवधि जहां सबसे अधिक व्यवस्थित सलामी बल्लेबाज आगे बढ़ते हैं, उनका स्ट्राइक रेट केवल 121.89 है और स्पिनरों के खिलाफ यहऔर भी कम 113.36 है।
अगर गिल को रोहित के साथ साझेदारी करने के लिए जायसवाल की तुलना में तरजीह दी जाती है तो यह वास्तव में पिछले टी20 विश्व कप में भारत के पास से अपग्रेड नहीं है। और वे शीर्ष पर बाएं-दाएं कॉम्बो होने से भी चूकेंगे।ऐसे में टीम के लिए रोहित शर्मा के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है।
जब हार्दिक पंड्या और सूर्यकुमार वापसी करते हैं, और विकेटकीपिंग स्लॉट में से एक जितेश शर्मा या संजू सैमसन को लिया जाता है, तो रिंकू सिंह, तिलक वर्मा, ईशान किशन और श्रेयस अय्यर के साथ इलेवन में इनकी दावेदारी भी बढ़ जाती है।
जानकारी के मुताबिक, पांड्या के फिटनेस संघर्ष को देखते हुए ऐसी चिंताएं हैं कि क्या वह टी20 विश्व कप में टीम का नेतृत्व कर पाएंगे। आईपीएल खत्म होने के कुछ ही दिनों बाद टूर्नामेंट आयोजित किया जाता है, जिससे चिंता बढ़ जाती है क्योंकि पांड्या आईपीएल में कम से कम 14 मैच खेलने के लिए तैयार हैं।
रोहित और कोहली के बीच मैच की परिस्थितियों में एक साथ बल्लेबाजी करने का मौका है। कैरिबियन में, जहां भारत टी20 विश्व कप के सुपर 8 चरण में खेलेगा, वहां की परिस्थितियां सपाट नहीं रही हैं और जब स्पिनरों के खिलाफ मैच खेलने की बात आती है तो फ्रेंचाइजी रोहित और कोहली के साथ दिखाई नहीं देती है।
इसलिए इन कमियों को दूर करने के लिए, दोनों के पास अफगानिस्तान के खिलाफ तीन मैच हैं और संभवत: आईपीएल में भी अब उन्हें अपनी बल्लेबाजी के प्रदर्शन को दिखाना होगा साथ ही टी20 में स्पिनरों के खिलाफ स्ट्राइक रेट को बढ़ाना होगा केवल कुछ महीने पहले उन्होंने 50 ओवर के विश्व कप में अपनी क्षमता दिखाई थी।
अफगानिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की श्रृंखला कल से शुरू होने वाली है।अब देखना दिलचस्प होगा कि रोहित शर्मा और विराट कोहली अपने बल्लेबाजी के वर्चस्व को बनाये रखते है या नहीं ? साथ ही रोहित और विराट के टी20 से बाहर होने से क्रिकेट प्रेमी भी सकते में है ऐसे में सिलेक्शन कमिटी पे सवाल उठना तो स्वाभाविक है। जो भी हो, इस चर्चा को गर्मियों में ही गर्म किया जाएगा।